धूपछांव विचारों का मंच – हिन्दी दिवस

अभिव्यक्ति का परचम हिन्दी, संस्कृति की जननी हिन्दी, निश्चल और निराली हिन्दी, अंतर्मन की तस्वीर हिन्दी | अपनी भाषा करो अपनी भाषा पर प्यार।जिसके बिना मूक रहते तुम,रुकते सब व्यवहार।…

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मोह के धागे

"सुबह सुबह अदरक वाली चाय का स्वाद ही कुछ और है", किशोर के हाथों में चाय का प्याला आते ही होटों पर जैसे मुस्कुराहट छा गई। "हर सुबह बस यही…

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शिक्षित भारत सशक्त भारत

जब हम बात करते हैं एक सशक्त देश के नींव की तो शिक्षा सर्वप्रथम और एकमात्र रास्ता है किसी देश के विकास और उज्ज्वल भविष्य का। शिक्षा का हाथ थामे…

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मित्रता दिवस पर कविता – मैंने दोस्ती कर ली

आत्मविश्वासके बादलों पर सवार,अपनी उम्मीदों से,आज मैंने दोस्ती कर ली। आशावादी मनपंछी बन भरे उड़ान,अपने सपनों से,आज मैंने दोस्ती कर ली। कठिन पथविश्वास की बूंदों से तृप्त,अपनी क्षमताओं से.आज मैंने…

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