मित्रता दिवस पर कविता – मैंने दोस्ती कर ली

मित्रता दिवस पर कविता – मैंने दोस्ती कर ली

आत्मविश्वास
के बादलों पर सवार,
अपनी उम्मीदों से,
आज मैंने दोस्ती कर ली।

आशावादी मन
पंछी बन भरे उड़ान,
अपने सपनों से,
आज मैंने दोस्ती कर ली।

कठिन पथ
विश्वास की बूंदों से तृप्त,
अपनी क्षमताओं से.
आज मैंने दोस्ती कर ली।

कड़ी मेहनत
की अग्नि में तप कर,
अंतर्मन की गूंज से,
आज मैंने दोस्ती कर ली।

शब्दों के सीप
गहराइयों से समेट कर,
लेखन की शक्ति से,
आज मैंने दोस्ती कर ली।

स्वयं को ख़ोज
जीवन के चक्र को समझ,
अपने अनुभवों से,
आज मैंने दोस्ती कर ली।

निष्ठापूर्ण सोच
सकारात्मक विचारों को सींच,
अपने सुनहरे भविष्य से,
आज मैंने दोस्ती कर ली।

दोस्ती एक सुखद एहसास:

दोस्ती एक बहुत ही सुखद रिश्ता है जिससे आप निखर जाते हैं। परन्तु दूसरों के लिए आप अच्छे और सच्चे मित्र तभी बन पाते हैं जब आप खुद को और अपनी प्राथमिकताओं को अच्छे से समझ पाते हैं।

यह स्वार्थी होने की ओर नहीं बल्कि आपको अपने आप से जोड़ने की कला है। जीवन में आप सफलता और सरलता का दामन समेटे कई रास्ते नाप सकते हैं।

तो पहले खुद को अपने आप का अच्छा दोस्त बनाएँ और तभी दोस्ती के सही मायने आपको दूसरों के लिए समझ आएँगे। स्वयं को ख़ोज कर, निस्वार्थ भाव से अपना कर आप अपने अंतर्मन की गूँज के परम मित्र कहलाएँगे।

तो चलिए इस मित्रता दिवस पर एक नए दृषिकोण से आप सब पहले अपने आप को “मित्रता दिवस की शुभकामनाओं” से अलंकृत करें।

क्या आप हमारे इस विचार से सहमत हैं? हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएँ।

एक कविता न जाने क्या कुछ कह जाती है। क्या आप भी मानते हैं काव्य रस की शक्ति को? अगर हाँ तो आपको हमारी कविताओं का संग्रह जरूर रोचक लगेगा।

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