नया सवेरा, नई उम्मीद – कविता

सारे खेल आज ख़त्म हुए,जा बैठा राजू टक टकी लगाए,गली के किनारे, अपने बाबा के,इंतजार में दूर दूर तक निगाहें टिकाए। बाबा के इंतज़ार में अब भूख़ का है ज़ोर।क्या…

1 Comment

लाल आम, पीला तरबूज़

किरण भागता-भागता घर आया और अपनी माँ की ओर आश्रय से देखने लगा, जैसे कुछ बताना चाहता हो। "क्या हुआ मेरे राजा बेटे को", पूछती हुई सुनीता आटा लगाने लगी…

30 Comments

गांधी जी और शास्त्री जी के प्रेरणादायक सिद्धांत

सरल व्यक्तित्व, सादा जीवन, कठिन परिश्रमी और शान्ति के दूत; जी हां यह कोई और नहीं बल्कि हमारे अपने गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री जी हैं जिनकी विचारधारा आज…

0 Comments