शिक्षित भारत सशक्त भारत

शिक्षित भारत सशक्त भारत

जब हम बात करते हैं एक सशक्त देश के नींव की तो शिक्षा सर्वप्रथम और एकमात्र रास्ता है किसी देश के विकास और उज्ज्वल भविष्य का। शिक्षा का हाथ थामे आज भारत ने सभी क्षेत्रों में अपनी सफलता के पर्चे लहराएँ हैं। हर जगह एक ही गूँज है शिक्षित भारत सशक्त भारत

“शिक्षा न केवल वह नींव है जिस पर हमारी सभ्यता का निर्माण हुआ है, बल्कि यह मानवता के भविष्य की शिल्पकार भी है” - प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 

शिक्षा और विकास:

शिक्षा हमें सिखाती है कि हम अपने ज्ञान और अनुभव के साथ जीवन की अनगिनत स्थितियों पर कैसे प्रतिक्रिया दें। हम सभी इस बात से सहमत होंगे कि शिक्षा से प्राप्त ज्ञान को जीवन के हर कार्यों पर लागू किया जा सकता है, फिर चाहे सीखे गए सबक सदियों पुराने ही क्यों न हो।

वास्तविक शिक्षा वही है जो छात्रों को सुखी और स्वतंत्र जीवन जीने के लिए प्रेरित करे। क्या हम सभी जो सीखते हैं उसे क्रियान्वित नहीं करना चाहते हैं और किसी संगठन में समान विचारधारा वाले लोगों के सहयोग से उसे लागू नहीं करना चाहते हैं।

आइये देखें कैसे बच्चों में देश भक्ति की भावना जगा सकते हैं।

शिक्षा वह है जो स्कूल में सीखी गई बातों को भूल जाने के बाद भी बची रहती है।” ~अल्बर्ट आइंस्टीन. अल्बर्ट आइंस्टीन का यह कितना गहन विचार था जो आज तक सत्य है। औपचारिक शिक्षा में हम जो सीखते हैं वह सिक्के का सिर्फ एक पहलू है, दूसरा पहलू उसे विचारों और कार्यों के माध्यम से लागू करना है। शिक्षा शून्य को भरती है और उसे किसी उद्देश्य के लिए उपयोग में लाती है। शिक्षा के साथ जीवन में उद्देश्य खोजने से अवसरों के विशाल द्वार खुलते हैं। आपको उस स्ट्रीम में शिक्षित होने की आवश्यकता नहीं है जो लोकप्रिय है या सिर्फ इसलिए कि आपके साथी इसे चुन रहे हैं, इसके बजाय किसी को उस स्ट्रीम का अध्ययन करना चाहिए जहां वह भविष्य में उसी के उपयोग से संबंधित हो सके।

“सच्चा ज्ञान विनम्रता देता है, विनम्रता से योग्यता आती है, योग्यता से धन प्राप्त होता है, धन व्यक्ति को अच्छे कर्म करने में समर्थ बनाता है और यही आनंद लाता है” - प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी

शिक्षा का महत्त्व:

  • शिक्षा का जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, यह न केवल पुस्तक से ज्ञान प्राप्त करने के बारे में है बल्कि बच्चों के समग्र विकास में भी अहम भूमिका निभाती है।
  • शिक्षा जीवन की कुछ बुनियादी बातें सिखाती है, जैसे कि हमारा पर्यावरण, हमारी भलाई, आपातकालीन स्थितियों से निपटने के तरीके।
  • यह हमें तैयार करती है कि सामाजिक और बौद्धिक रूप से लोगों के बीच रहना और भविष्य में आजीविका कमाने के लिए निर्दिष्ट कौशल पर काम किस प्रकार करना।और यहां तक ​​कि एक नवीन विचार द्वारा नियमित पथ को बदलकर उत्तीर्ण होना।
  • आँकड़े बताते हैं कि यदि कोई बच्चा सीनियर सेक्शन तक स्कूल जाता है तो वह अधिक आत्मविश्वासी होता है।
  • शिक्षा न केवल जाति, पंथ और धर्म के भेदभाव के बिना लोगों को बांधती है बल्कि यह राष्ट्र के लिए प्रगतिशील विकास भी करती है। क्योंकि लोग राष्ट्र द्वारा निर्धारित सभी दिशानिर्देशों को समझने में सक्षम होते हैं।
  • शिक्षा विचारों के क्षितिज को भी बढ़ाती है और सभी के लिए एक खुशहाल जगह बनाती है।
“हमारा लक्ष्य बेहतर प्रशासन के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना होना चाहिए” - प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 

शिक्षा की भूमिका:

शिक्षा हमारा नेतृत्व करती है बहुत सारी बारीकियों को समझने के लिए। आइए जानें शिक्षा की भूमिका:

*आधुनिक भारत के विकास के लिए
*सांस्कृतिक और वैज्ञानिक मूल्यों के संश्लेषण के लिए
*अंतर्राष्ट्रीय समझ को बढ़ावा देने में
*धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण विकसित करने में
*लोकतांत्रिक मूल्यों के विकास में
*सामाजिक एवं प्राकृतिक एकीकरण को बढ़ावा देने में
*समाज के समाजवादी स्वरूप की स्थापना में

शिक्षा समग्र विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने की एक अहम सीढ़ी है। शिक्षा सीखने और संस्कृति का विस्तार करने का एक तरीका है। शिक्षा हमें बेहतर ज्ञान, स्वास्थ्य, जीवन स्तर, सामाजिक न्याय और दक्षता से मानव स्थिति की उन्नति के द्वार खोल देती है जो सामाजिक परिवर्तन के प्रमुख संकेतक हैं। हमें ये सुनिश्‍चित करना होगा कि हर नागरिक को शिक्षा का समान अवसर प्राप्त हो

शिक्षित भारत ही सशक्त भारत की ऊर्जा है। इस ऊर्जा को सदा ज्वलंत रखना हर एक भारतीय की जिम्मेदारी है। ज्ञान देश की एकता, मानवता, और राष्ट्र में बुराइयों को समाप्त करने का माध्यम होना चाहिए।

Leave a Reply