लाल आम, पीला तरबूज़

किरण भागता-भागता घर आया और अपनी माँ की ओर आश्रय से देखने लगा, जैसे कुछ बताना चाहता हो। "क्या हुआ मेरे राजा बेटे को", पूछती हुई सुनीता आटा लगाने लगी…

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मोह के धागे

"सुबह सुबह अदरक वाली चाय का स्वाद ही कुछ और है", किशोर के हाथों में चाय का प्याला आते ही होटों पर जैसे मुस्कुराहट छा गई। "हर सुबह बस यही…

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अनोखी जोड़ी

"बहुत खूब! गरमागरम चाय के लिए मौसम एकदम सही है", सुधा ने दिशा को शाम के नाश्ते के लिए बालकनी में बुलाया और दिशा की पसंदीदा चीजों की ट्रे बालकनी…

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सबसे बड़ी भूख

सुबह की सुहावनी धूप में कीर्ति चाय की चुस्कियाँ ले रही थी। यह समय उसके लिए बहुमूल्य था, वकालत की दौड़-भाग को भूल कुछ क्षण अपने लिए चुरा लिया करती…

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