काश मैं उस जली हुई दाल को ठीक कर पाती।
काश उस दोस्त का दिल नहीं दुखाया होता।
मुझे इस तरह के बोल नहीं बोलने चाहिए थे।
काश सारी गलतियाँ करी ही न होती।
क्या ऐसे विचार कभी आपके भी मन में उत्पन्न हुए हैं?
यह सामान्य बात है, मनुष्य गलतियों को देख कर उस पर अफ़सोस मनाता है और सोचता है कि काश ऐसा कुछ हुआ ही नहीं होता। अपने दोष को सोच कर बहुत दुःखी होता है और अक्सर सारी घटनाओं को बहुत ही नकारात्मक दृष्टिकोण से देखने लगता है। उसे उसके गलत कार्य का बहुत पछतावा होता है। और अपने जीवन की घडी को पीछे घुमा कर वह उन गलतियों को सही करना चाहता है। मानो की जीवन में डिलीट बटन होता और वह अपनी गलती पूरी तरह मिटा सकता और यह अपेक्षा रखता कि जीवन में खुशहाली छा जाती।
पर क्या ऐसा होना सही होता? क्या आपने इस पर कभी समीक्षा की है?
ज़रा सोचिए अगर आपके जीवन से सारी गलतियाँ हटा दी जाए तो सबकुछ बिल्कुल सही हो जाएगा। जीवन का हर पड़ाव बड़ी सरलता से पार हो जाता, न कोई टोकता और न कोई कुछ कह पाता।
पर क्या ऐसा संभव है ?
फिर क्या आप कह सकते कि आपको जीवन का अनुभव है?
मनुष्य अपनी गलतियों से सीख लेकर ही आगे बढ़ता है और अपने दोष को दूर करता है। परंतु कोई भी गलती करना नहीं चाहता वो बस हो जाती हैं। क्या इसका होना सही है?
galatiyon se seekh
तो आइए जानते हैं कि ग़लतियों का जीवन में क्या महत्व है?
जीवन के अनुभव:
गलतियों से हमें जो सीख मिलती है और समझ मिलती है वो हमें कभी प्राप्त ही नहीं होती ना ही जीवन में हमें वो सारे अनुभव होते जो हमें गलतियों से सीखने पर होते है। अगर आप साइकिल चलाना सीखते हैं तो कई बार गिरते भी हैं, तो क्या बिना गिरे आप कोई भी प्रयास पूर्ण कर सकते हैं ? नहीं में उत्तर आएगा, त्रुटियाँ भी उसी प्रकार होती हैं धीरे – धीरे आपको गुणी बनाती है। यही गुण – दोष जीवन को सँवारते हैं और अनुभवी बनाते हैं।
मज़बूत हौंसले:
अनुभव के साथ साथ हमें गलतियों से एक और महत्वपूर्ण चीज की प्राप्ति होती है। आप सोच रहे होंगे कि गलतियों से ऐसा क्या मिलता है पर अगर आप जानेंगे तो आप समझेंगे की गलतियां हमें जीवन का वो फ़लसफ़ा दे जाती है जो जीवन के स्वर्ण पदक भी नहीं दे सकते। गलतियां हमें हौसला देती है।
हाँ, जब हम गलती करते हैं तो हम अपने जीवन के सफ़र में कई कदम पीछे हो जाते है, परंतु सफ़र में बने रहने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम डटे रहते हैं हौसलों के साथ। इस हौसले से हम जीवन की कोई भी मुश्किल को हस्ते-हस्ते पार कर लेते है क्यूँकि इस हौसले से हमें हिम्मत प्राप्त होती है।
हिम्मत अगर बनी रहे तो मनुष्य पहाड़ जैसी कठिनाई को भी पार कर लेता है।
संयम का पाठ :
गलतियों से एक और सबक मिलता है, वह है संयम का। जी हाँ! संयम का स्थान जीवन में कई ऊँचा है, इसलिए हमें भी उसका साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए। अगर आप धैर्य यानी संयम से अपने काम करें और वार्तालाप के समय सोच समझ कर बोलें तो आपकी कथनी और करनी में कभी अंतर नहीं आएगा। अक्सर मनुष्य शीघ्रता में ऐसे काम कर जाते हैं जो उन्हें बाद में पछतावे की ओर ले जाते हैं। आपकी गलतियों से आपको संयम का पाठ मिलता है, जिसका पालन करने से आप गलती को दोहराते नहीं हैं।
अब आपने जान लिया होगा क्यूँ हर एक बच्चा गिर कर ही चलना सीखता है? क्यूँकि, उसके माता पिता भी जानते है कि गिरकर संभलने से बच्चा अपने आप कई बातें सीख रहा है। तो अगर अब आपसे कभी गलती हो जाए तो पछतावे के साथ यह भी याद रखें कि आपने गलती के साथ एक अनुभव किया, सबक़ लिया और हिम्मत जुटाई फिर से उस काम को पूरी क्षमता से पूर्ण करने की।
galatiyon se seekh kaise milti hai
गलतियों से सीख तभी मिल सकती है जब हम अपनी गलतियों को स्वीकारें। तो जीवन में डिलीट बटन की प्रतीक्षा ना करें, अपने आप सफलता का रास्ता बनाएँ। गलतियाँ गति रोधक हो सकती हैं पर रास्ते की रुकावट नहीं।
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ग़लतियाँ हमें बहुत कुछ सिखाती हैं। ये हम पर है की हम उसे किस नज़रिए से देखते हैं। ग़लतियाँ शायद कुछ वक़्त के लिए हमें निराश कर दें, शायद हमारे हौसले डगमगा जयें लेकिन ग़लतियों से जो सीख लेकार आगे के मार्ग पर दुगुनी मेहेनत से चलने की थां लेता है, आख़िर में जीत उसी की होती हैं।
बिल्कुल सही !
इंसान की प्रवृति है वो हर पल कुछ नया सीखता रहता है इसलिए वो बहुत से गलतियां भी करते रहता है अगर मनुष्य गलती ना करे तो कुछ नया नहीं सीख सकता।
जिस व्यक्ति ने कभी कोई गलती नहीं की उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की।
मेरे ख्याल से एक मनुष्य अपनी ज़िन्दगी में सबसे जदा गलतियां “अपनी गलतियों से ना सीखना ” करता है। और वो लगातार एक ही गलती दोहराते रहता है।
मैं आपसे सहमत हूँ।
हर गलती एक नयी सीख दे जाती है
अगर delete बटन होता शायद
वो गलतियाँ दिल किसी ना दुखा पाती
पर जिस तरह शब्द वापस नहीं आते
कोशिश कर के देखो गलतियाँ वापस नहीं आए
I just loved the way you explained how mistakes can affect.
सराहने के लिए धन्यवाद !
I really loved your thoughts here, while mistakes teach us they also remind us what behaviour not to repeat and that’s experience
गलतियों से सीखना बहुत ज़रूरी है।
I agree… Failure and success is part of same coin. Without failure you will never know the importance of success and without failure there is no learning. So let undo be part of comp and not life.
बिल्कुल, आपकी बात सही है।
Agar zindagi mein galtiyan nahi hoti, toh humara aaj bhi kal jaisa hi hota! Hum apni unhi choti badi galtiyon se seekhte hai, aur jo na seekh paaye, Zindagi unhe apne andaz mein sikha deti hai.
Beautiful post.
सराहने के लिए धन्यवाद !