नारी को हमेशा त्याग और समर्पण की मूरत माना गया है। और यह सच भी है, घर में एक माँ का रूप ही हमें यह बात समझा देता है। हमारी प्रकृति भी हमें प्रति दिन ऐसे कितने ही उदाहरण से संवारती है, एक नन्ही सी चिड़िया पहले अपनों को खिलाती है फिर वह अपने बारे में सोचती है। नारी के इस सुंदर निस्वार्थ स्वरूप का महत्व सबसे अनमोल है।
हर घर के बुनियाद कि आधे हिस्सेदारी रखने वाली नारी को भी समय समय पर अपने लिए कुछ पहलुओं पर ध्याद देना अति आवश्यक है। जैसे प्रकृति समय समय पर अपने आप को संवारती है, सजाती है, और दृढ़ बनाती है ठीक वैसे ही हर नारी को सशक्त बनाते हैं कुछ पहलू।
साल दर साल हम नए संकल्प लेते हैं और उन्हें पूर्ण करने की पूरी कोशिश करते हैं।
तो आइए देखें आख़िर क्या हैं वो आदतें जो नारी को संकल्प के रूप में अपनाने चाहिए और कैसे यह संकल्प सकारात्मक प्रभाव डालने में कारक हैं।
इन संकल्प से बनती है सशक्त नारी : women’s day antarrashtriya mahila diwas
नियमित स्वास्थ्य जांच:
घर की महिला परिवार की रीढ़ होती है और ज्यादातर अन्य चीजों को प्राथमिकता देकर अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा करती है। लेकिन हमें यह समझने की जरूरत है कि नियमित स्वास्थ्य जांच हमें किसी भी तरह की कमी या बीमारी के शुरुआती चरणों में बेहतर ढंग से सामना करने में मदद कर सकती है। परिवार अत्यंत महत्वपूर्ण है लेकिन स्वयं का स्वास्थ्य सबसे पहले है और इस पर समय-समय पर ध्यान देने की आवश्यकता है। जैसा कि कहा जाता है “पहले अपने आप से और फिर दुनिया से प्यार करें”, इसलिए व्यायाम में नियमित रहें और स्वास्थ्य और फिटनेस को नियमित रखें बाकी सभी चीजें इंतजार कर सकती हैं।
अपनी योग्यता को तराशें:
दूसरा संकल्प स्किल्स को अपग्रेड करना है, चाहे वह पेशेवर हो या व्यक्तिगत, नई चीजें सीखते रहने की जरूरत है। सीखना हमेशा मददगार होता है और हमें सकारात्मक ऊर्जा देता है। एक महिला के पास हमेशा बहुत सारे कार्य होते हैं किंतु एक नियमित पाठ्यक्रम में भाग लेना शायद बोझिल हो सकता है। इस ऑनलाइन दुनिया में कौरसेरा और एनपीटीईएल जैसी कई वेबसाइटें हैं जो विषयों की विस्तृत श्रृंखला पर विभिन्न प्रमाणपत्र प्रदान करती हैं। अपने कौशल का उन्नयन करें और नए उपक्रमों की तलाश करें जो आपको संतुष्टि और खुशी प्रदान करें। आप घर बैठे ही अपने समय अनुसार अपने आप को अपडेटेड रख सकती हैं।
प्राकृति को सँवारें:
हम सभी ने देखा है कि अगर नींव से और जड़ स्तर पर किया जाए तो परिवर्तन प्रभावशाली होता है। इसलिए अगर हम भविष्य की बेहतरी की तलाश कर रहे हैं तो उसमें भी महिला की अहम भूमिका होती है। अगर महिलाएं एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने का फैसला करती हैं और खरीदारी के लिए कपड़े के थैले ले जाने के रूप में एक छोटा सा बदलाव करती हैं, तो यह छोटा सा बदलाव निश्चित रूप से पर्यावरण को हरा-भरा बना सकता है। अगर हम चाहते हैं कि बदलाव सफलतापूर्वक शुरू हो तो महिला की अहम भूमिका है। इस २०२३ को हरित बनाएं और हमारे बच्चों और नाती-पोतों के लिए स्वच्छ पर्यावरण के लिए नई सोच प्रदान करें।
रक्षा कक्षाओं में नामांकन करें:
हाँ, यह अंतिम संकल्प है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण भी है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हो रही घटनाओं की श्रृंखला को ध्यान में रखते हुए महिलाओं को अपनी सुरक्षा का जिम्मा खुद लेने की जरूरत है। महिला हर समय पहुंचने के लिए मदद पर निर्भर नहीं रह सकती। इसलिए, रक्षा कक्षाओं में दाखिला लेने से महिला को किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने के लिए और अधिक आत्मविश्वास मिल सकता है। ऐसा करने से आपमें एक नई ऊर्जा और आत्म विश्वास जागेगा।
आज महिलाएँ चाहे कहीं भी पहुँच जाएँ लेकिन उनके बिना एक घर अधूरा है। अगर आप हंसती है तो घर हंसता है, और आपकी परेशानी सारे घर के सदस्यों को उदास कर देती है। इसीलिए महिलाओं को अपनों का ही नहीं बल्कि अपने अंदर के कौशल को तराशने की भी जिम्मेदारी है। आखिर ! हम महिलाएँ ही तो एक नई सोच और विचारधारा की जननी हैं।
यह तो सब जानते हैं कि नारी जो एक बार ठान ले तो फिर क्या कुछ नहीं कर सकती, देखें कैसे।
I think there needs to be more brouhaha about International Women’s Day. Even in 2023, there is still bias and men pay women less for the same job, sports, or movies. A woman holds the family together and runs the house, multi-tasking all the time..
यह सही है कि सकारात्मक विचारों की शुरुवात हो चुकी है लेकिन अभी बहुत कुछ समझना बाकी है।
Women’s Day is the right time to pause and take stock, of where women are today and where they were a year back. Also. women empowerment in its true sense will be achieved when women even in rural India are financially independent.
मैं आपसे सहमत हूँ।
These are really very important tips you have shared, regular exercise and getting enrolled in some self-defence classes are so much important for every woman.
हाँ ! आजकल के युग में नारी को सशक्त रहना बहुत जरूरी हैं।
Well said, it is crucial for women to identify their strengths and to believe in themselves. Women possess a wide range of strengths, including but not limited to empathy, resilience, adaptability, creativity, and communication skills. By recognizing and valuing these strengths, women can build their self-esteem, assertiveness, and confidence.
महिलाओं को अपने लिए समय निकालना बहुत जरूरी है। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य और विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य के लिए समय निकालना बहुत जरूरी होता है। वे योग और मेडिटेशन जैसी गतिविधियों में शामिल हो सकती हैं जो उन्हें शांति और स्थिरता प्रदान करती हैं। धन्यावाद इस लेख के लिएl
बिल्कुल सही !
I think a woman should be able to celebrate Women’s Day any time she feels the need to. One day is just not enough and just not right.
हाँ, मेरा भी यही मानना है।
This post commemorates International Women’s Day, in its precise, clear Hindi you have enlisted all the necessary points that can make every woman self-reliant and resurgent.
यह छोटी छोटी चीज़ें नारी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती हैं।
You have addressed the basics of empowering women. Women should love each other and start from the scratc when it comes to growth.
बिल्कुल, आपकी बात सही है।
I understand that the writing is about women’s day and hence sharing my thought that though we do dedicate this day but there still needs to be a lot of changes that we as women look forward to in terms of. Bias.
यह सही है कि सकारात्मक विचारों की शुरुवात हो चुकी है लेकिन अभी बहुत कुछ समझना बाकी है।
I agree with your thoughts, it’s in the hands of a woman to take care of herself, to improve her skills, to do whatever she wants to do. These habits will surely help any woman to bring a positive change.
हाँ ! आजकल के युग में नारी को सशक्त रहना बहुत जरूरी हैं।
Is there anything that women can’t do? Well women have all the capabilities and competency, what is needed is believing in herself. Let’s not wait for external motivation, we can do wonders and we are doing so.
मैं आपसे सहमत हूँ।