सारे खेल आज ख़त्म हुए,
जा बैठा राजू टक टकी लगाए,
गली के किनारे, अपने बाबा के,
इंतजार में दूर दूर तक निगाहें टिकाए।
बाबा के इंतज़ार में अब भूख़ का है ज़ोर।
क्या हो जाएगी आज फिर बिन मिले ही भोर।
क्या माँ से पूछूँ या करूँ थोड़ा और इंतज़ार?
नन्हे मन में आज उमड़े प्रश्नों के गुबार।
विचलित मन को आई राहत,
जब सुनी बाबा के पैरों की आहट।
देख झोली बाबा के हाथों में,
ख़ुशियाँ जैसे भर गई मासूम आँखों में।
झटपट राजू लिपट बाबा से माँ को आवाज़ लगाई,
आज क्या होगा झोली में सोच सोच मुस्काए।
माँ जल्दी से आज पका दे निकाल झोली से सब्जी,
तब तक सुन लूं मैं बाबा से कहानियाँ अनोखी।
आज निराशा की कहानी पढ़ आया हूँ,
तुझे कहाँ से मैं कोई आशा दूँ।
बेटा आज नहीं चुन पाया उन ढेरों से तेरे सपने,
बस लौटा हूँ बड़े ही हताश मन से।
नहीं कर पाया आज इकठ्ठा तेरे लिए चीज़ें,
झोली आज सुनी है मेरी जैसे मेरे हौंसले,
नाकामी का चिट्ठा सुन राजू को याद आया एक किस्सा,
बाबा का ही मंत्र आज उसने मासूमियत से परोसा।
बाबा झोली तो अपनी मेहनत और उम्मीद से सदा भरी,
फिर तू क्यों कहता ये झोली तेरी खाली पड़ी?
कल का सूरज देखना बाबा नई उम्मीद लाएगा,
जीवन हर दिन एक जैसा परीक्षा पत्र नहीं दे पाएगा।
चुन लेंगे बाबा कल फिर से स्वप्न उन अंबारों से,
सीखा है हौसलों को बांधना उन बिखरे हुए टुकड़ों से,
सुन राजू की बात आज एक बाप हुआ गर्वित,
जीवन की अस्थिरता से अब कोई नहीं चिंतित।
यह तो सबको पता है कि समय एक सा नहीं होता। जहां आंसू हैं वहां हंसी की फुहारें भी हैं। जहां रात की चादर हमें ढक देती है वहीं दिन फिर से आपको अपने पंख फैलाने और उड़ने की उम्मीद देता है। एक नए जोश और नए उत्साह से अपने कार्य को संपूर्ण करने की उम्मीद बांधता है। यह दृढ़ हौसला ही तो हमें अपने सपनों से मिलवाते हैं और बिना विचलित हुए परस्पर आगे बढ़ने को प्रेरित करते हैं।
इसी सोच और दृष्टिकोण के साथ आइए हम नए साल का स्वागत करें।नए साल में नई उम्मीद से आगे बढ़े, न्यूनतम शुरूवात करें उन चीजों की, जो सकारात्मकता को बनाए रखे।
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It is nature’s rule, that the new replaces the old, and this goes on in an eternal cycle. The New year brings with it new hopes, dreams, and aspirations. As we let go of the old year, we should take the learning from it forward with us..
So heartfelt, that is true the wheel of time keeps changing. We have to hold on to our hopes and keep pushing ourselves as this shall also pass.