नव दुर्गा के अनेकों रूप की महिमा बहुत अद्भुत है, यह शक्तियाँ हमारा मार्गदर्शन करती हैं और सही दिशा दिखती हैं। हमारा विश्वास अगर अड़िग होगा तो कोई भी परिस्थिति हमें डिगा नहीं सकती। तो आईये जानें कैसे सर्व भूतः शक्ति करती हमारा मार्गदर्शन।
जीवन पथ कठिन परिस्थिति सरल बने जब विश्वास हो सहारा व्यापक मन आक्रोश भरा स्थिरता खोज समृद्धि देती उसे किनारा आतुर बुद्धी नियमित चिन्तन संतुलन इच्छुक तेरे चरणों में शांति का बसेरा नवीन कलम व्याकुल भविष्य वैराग्य तन तेरी आस एकमात्र शक्ति सहारा सुख शांति हेतु भ्रमण नापा जगत अंत पहुंचा तेरे दर तेरे कई नाम शैलपुत्री ब्रह्मचारिणी चंद्रघंटा कुष्मांडा तेरे कई रूप स्कंदमाता कात्यायनी कालरात्रि महागौरी सिद्धिदात्री कई नाम कई रूप शक्ति अपार करे नकारात्मकता का संहार अज्ञात डोर संचालित हर प्राणी तेरे जप से सुचारु दुनिया सारी
हमारी कविताओं का संग्रह यहाँ पर है।
बहुत ही सुन्दर रचना है
This is such a beautiful tribute to the multi-faceted Goddess Durga Maa! Your words filled my heart with immense joy and hope , my salutations !
This is so beautifully written poem, this really touched me and yes, maa durga ki wajah se sari dunuiya hai!!
नवरात्रि सभी में एम नयी ऊर्जा लेकर आता है। जैसे मैन में एक विश्वास जगाता है की हम जीवन की किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं। शक्ती का रूप जो कई नामों से जाना जाता है उसकी महिमा अपरंपार।
नवरात्री की बहुत बहुत शुभकामनाएँ!!
You have paid a wonderful tribute to Durga ma. We have exemplary goddesses to worship, and I revere Durga Mata for all her avatars. I don’t know when in history women started being treated as inferior and we are still fighting for gender parity. It will take another century, I guess.
Navaratri is a beautiful festival to devote your time in Devi bhakti and also a great opportunity to spend some quality time with friends and family. I loved your poem. it express your spiritual devotion beautifully. wishing you and your family a happy festive season.
Yes maa Durga is a epitome of strength and courage. The names are different but the inner power is the Same. Well penned poem.
lovely poem and emotions. agree that the power of faith gets us through everything.
You have paid a wonderful tribute to Durga ma. Lovely poem and emotion