उम्मीदों का पिटारा

आज उम्मीदों का पिटारा ज़ोर से खनका ,पहली बार उसे देखा, डगमगाते हुए टिका ।ज़रा सा सम्भाला परंतु खाली उसे पाया ,गुम कहां उम्मीदें, सोच मन घबराया । हृदय कर…

10 Comments