सबसे बड़ी भूख

सुबह की सुहावनी धूप में कीर्ति चाय की चुस्कियाँ ले रही थी। यह समय उसके लिए बहुमूल्य था, वकालत की दौड़-भाग को भूल कुछ क्षण अपने लिए चुरा लिया करती…

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ख़ुशबू चोर

‘सरला दाल में तड़का वैसे ही लगाना जैसे तुमने पिछले हफ़्ते लगाया था’, भीतर कमरे से आवाज़ आयी। जी भाभी, वैसे ही लगा दूँगी। सरला भी किचन से ही बोल…

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