ख़ुशबू चोर

‘सरला दाल में तड़का वैसे ही लगाना जैसे तुमने पिछले हफ़्ते लगाया था’, भीतर कमरे से आवाज़ आयी। जी भाभी, वैसे ही लगा दूँगी। सरला भी किचन से ही बोल…

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संतुष्ट मन

संतुष्ट मन सबसे बड़ा वरदान है जिसमें जीवन की सारी खुशियाँ छुपी हैं। किस्से जो परिवर्तन की लहर आपके अंदर उत्पन्न करें वे बहुत खास होते हैं। हम उन्हें कभी…

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समीक्षा का अर्थ क्या है? समीक्षा करने की सीमा कहाँ खीचें?

समीक्षा का अर्थ है कुछ निष्कर्ष तक पहुंचना, जहाँ हम अपने आप से तर्क वितर्क कर कुछ समाधान एकजुट करते हैं। समीक्षा एक प्रश्नावली है अपने आप से जो विभिन्न…

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