सबसे बड़ी भूख
सुबह की सुहावनी धूप में कीर्ति चाय की चुस्कियाँ ले रही थी। यह समय उसके लिए बहुमूल्य था, वकालत की दौड़-भाग को भूल कुछ क्षण अपने लिए चुरा लिया करती…
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August 5, 2022
सुबह की सुहावनी धूप में कीर्ति चाय की चुस्कियाँ ले रही थी। यह समय उसके लिए बहुमूल्य था, वकालत की दौड़-भाग को भूल कुछ क्षण अपने लिए चुरा लिया करती…
काश मैं उस जली हुई दाल को ठीक कर पाती। काश उस दोस्त का दिल नहीं दुखाया होता। मुझे इस तरह के बोल नहीं बोलने चाहिए थे। काश सारी गलतियाँ…
इस कहानी को पढ़ने से पहले इसके भाग १ - ख़ुशबू चोर का आनंद लेने के लिए यहाँ जाएँ। सरला अब उस बात का आनंद ले रही थी और कहा…
‘सरला दाल में तड़का वैसे ही लगाना जैसे तुमने पिछले हफ़्ते लगाया था’, भीतर कमरे से आवाज़ आयी। जी भाभी, वैसे ही लगा दूँगी। सरला भी किचन से ही बोल…