संतुष्ट मन

संतुष्ट मन सबसे बड़ा वरदान है जिसमें जीवन की सारी खुशियाँ छुपी हैं। किस्से जो परिवर्तन की लहर आपके अंदर उत्पन्न करें वे बहुत खास होते हैं। हम उन्हें कभी…

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समीक्षा का अर्थ क्या है? समीक्षा करने की सीमा कहाँ खीचें?

समीक्षा का अर्थ है कुछ निष्कर्ष तक पहुंचना, जहाँ हम अपने आप से तर्क वितर्क कर कुछ समाधान एकजुट करते हैं। समीक्षा एक प्रश्नावली है अपने आप से जो विभिन्न…

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विचार –  जीवन की नींव

सकारात्मक विचारों के बुलबुलों को उठने दें, फिर देखें कैसे यह छोटी - छोटी बूंदे हमारी खुशियों का सागर बन जाती है | हम हमारे जीवन में ऐसी कई चीज़ों…

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माँ ऐसी क्यूँ होती है?

माँ हमारा व्यक्तित्व संवारती है, कभी बच्चों का हाथ थाम कर तो कभी अपने सहारे ही डोर खींच कर। आखिर "माँ तो माँ होती है "!! माँ ऐसी क्यूँ होती…

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